Friday, March 10, 2017
किस रिश्ते में किस अंग पर रंग लगाया जा सकता है
होलि आ रही है, सभी के साथ होली खेलिये
पर मर्यादा मे रहकर,
मर्यादा मे रेहकर होली खेलने से ना सिर्फ आप शिश्टाचार का प्रमाण देंगे
अन्यथा मे लोगो से सम्बंध टुटने से भी बच जायेंगे
आइये जानिये
किस रिश्ते के किस अंग में रंग लगाया जा सकता है
माता को पेर पर रंग लगाये,
पिता को छाती पर रंग लगाये,
पत्नी या पति को सर्वांग पर रंग लगाये,
बड़ा भाई को मस्तक पर रंग लगाये,
छोटा भाई को भुजाओ पर रंग लगाये,
बड़ी बहन को हाथ और पीठ पर रंग लगाये,
छोटी बहन को गाल पर रंग लगाये,
बड़ी भाभी या देवर को हाथ और पेर पर रंग लगाये
ननद और देवरानी सर्वांग पर रंग लगाये,
छोटी भाभी को सर और कन्धे पर रंग लगाये
ननद को सर्वांग में रंग लगायें
चाची और चाचा को सर से रंग उड़ेले ,
साले और सरहज को कोई अंग बचने न पायें
ताईजी या ताऊजी को पैर और माथे पर रंग लगाये
मामा और मामी को बच कर जाने न पायें ,
बुआ और फूफाजी को जी भर कर रंग लगायें,
मौसी और मौसाजी को दुरी बनाये रख के रंग लगायें ,
पड़ोसी को सिर्फ सूखा रंग ही लगायें उसमें इत्र जरुर डालें ,
मित्र को मर्यादायें भूल कर रंग लगायें ,
बॉस को माथे पर टिका लगायें ,
बॉस की पत्नी को हाथ में रंग का पैकेट देकर नमस्कार कर लें...
शिष्टाचार की सीमा के अन्दर रंग लगायें ,
अनजाने व्यक्तियों को सामाजिक मर्यादा और शिष्टाचार निभाते हुये रंग लगाये
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